मंगलवार, 31 जुलाई 2007

ये माँ के दूध को लजाने वाले

ये फिल्म वाले :
जब भी टेलीविजन पर आइफ़ा अवार्ड, फिल्म फेअर अवार्ड आदि आते है, तब ये देख कर दुख होता है, कि ये सभी फिल्मी कलाकार अंग्रेजी मे बोलना अपनी शान समझते है। जब की असलियात दूसरी है। इन्हें कोई हॉलीवुड में एक्ट्रा कलाकार के लिये साइन नहीं करता है। कुछ दिन पहले मैने यह भी कही पढ़ा कि फिल्म के सन्वाद भी देवानागरि लिपी के बजाय रोमन लिपी मे लिखे जाते है। बाकी दिल कि बातें आगे और भी --------

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

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